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    Home » गरीबों, मजदूरों, बेरोजगारों, किसानों औऱ युवाओं की उम्मीदों को बजट से मिली है हताशा: सत्यानंद भोगता
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    गरीबों, मजदूरों, बेरोजगारों, किसानों औऱ युवाओं की उम्मीदों को बजट से मिली है हताशा: सत्यानंद भोगता

    Nijam KhanBy Nijam KhanFebruary 1, 2020No Comments2 Mins Read
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    *बजट में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं*

    *========================*

    *गरीबों, मजदूरों, बेरोजगारों, किसानों औऱ युवाओं की उम्मीदों को बजट से मिली है हताशा*

    ===========================

    *सत्यानंद भोगता*
    *श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री,झारखण्ड सरकार*
    =============================

    राँची :- श्रम मंत्री सत्यानंद भोगता ने संसद में पेश किए गए आम बजट को गरीब विरोधी बजट बताया।उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपने पौने तीन घंटे के बजट भाषण में गरीबी, महंगाई औऱ बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किस मोर्चे पर क्या तैयारियां की है, इसकी कोई चर्चा नहीं की. यह बजट गरीब, किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों औऱ युवाओं को हताश करने वाला है.

    उद्योगपतियों को राहत, आम लोगों पर आफत

    श्री भोगता ने कहा कि यह बजट पूंजीपतियों औऱ उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखकर लाया गया है,. बड़े उद्योगपित जो टैक्स चोरी करते हैं, उन्हें बजट के जरिए राहत देने की कोशिश की गई है. अब उन्हें टैक्स चोरी पकड़े जाने परे न तो ब्याज देना होगा औऱ न ही पेनाल्टी लगेगी. वहीं मिडिल क्लास को आयकर में मामूली राहत दी गई है. आम लोगों ने आयकर के स्लैब में जिस छूट की उम्मीद की थी, उसे बजट में दरकिनार कर दिया गया है, इतना ही नहीं, इस बजट में ज्यादा से ज्यादा सरकारी संपत्तियों के निजीकरण किए जाने को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है. इससे देश का कहां से भी हित नहीं सधेगा।

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