क्वारंटाइन सेंटर कोऑपरेटिव कॉलेज की दूर व्यवस्था से वहां रह रहे लोग परेशान हैं इतना ही नहीं इस बात की प्रबल आशंका है कि संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने वाले लोग भी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं अगर उनके रखरखाव और रहने खाने-पीने शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों ने राष्ट्र संवाद के संवाददाता को बताया की क्वारंटाइन सेंटर में को व्यवस्था का आलम यह है कि लोगों को पीने के लिए शुद्ध जल नहीं मिल रहा है जिस बर्तन में पीने का पानी लाया जाता है वह खुला रहता है खाने के लिए जो भी सामग्रियां उपलब्ध कराई जाती हैं उसे स्वयं क्वारंटाइन कर रहे लोग अपने हाथों से निकालते हैं लोगों का कहना है कि यहां रह रहे लोगों में कौन संक्रमित है और कौन नहीं संक्रमित है इसका पता नहीं चल पा रहा है पिछले 72 घंटों से क्वारंटाइन में रह रहे लोग इस बात से दहशत में हैं कि अगर एक भी व्यक्ति को रोना आ जाता है तो वहां रह रहे एक सौ से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है अगर समय रहते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों की इस चेतना पर ध्यान नहीं दिया तो संभव है कि कोरोना वायरस क्या और बड़े वहां मौजूद लोगों ने यह भी शिकायत की कि अभी तक उनका सैंपल नहीं लिया गया है अगर सैंपल 24 घंटे के अंदर ले लिया गया होता तो नेगेटिव पाए जाने वाले को होम क्वारंटाइन में रखा जा सकता था जिससे वह और उसका परिवार सुरक्षित हो सके लेकिन सारे लोगों को एक जगह ही रखा गया है ने आरोप लगाया कि शौचालय की साफ सफाई नियमित रूप से नहीं होती है चारों तरफ दुर्गंध पहला होता है खाने की सामग्री खुली रखी जाती है पीने का पानी भी खुला रहता है सैनिटाइज की व्यवस्था नहीं की गई है लोगों को मास्क नहीं दिया गया है थोड़ा बहुत पालन किया जा रहा है साफ सफाई अगर होती भी है तो उसका समय कुछ निश्चित नहीं है क्वारंटाइन तो किया गया है लेकिन जहां रोज किए जाने की जरूरत है वहां गायब भी हो रहा है या समय से नहीं हो रहा है नाश्ते में उपमा और पूड़ी सब्जी दिए जा रहे हैं लेकिन लंच और डिनर दोनों ही समय चावल दाल और सब्जियां उपलब्ध कराई जा रही हैं लोगों ने इससे निजात दिलाने की मांग की और कहा कि अगर कोई व्यक्ति शुगर का मरीज हो या दमा वगैरह का मरीज हो तो ऐसे में दोनों समय चावल दाल खिलाने से उनके स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ेगा संभव है कि वह बीमार पड़ जाए लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है ताकि लोगों को बचाया जा सकता है लोगों को नए डीसी सूरज कुमार से भी काफी उम्मीदें हैं ताकि वे उनकी बातों पर गंभीरता से विचार करें और कार्रवाई करें