नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में धारा 370 व 35 ए हटाए जाने के बाद धीरे-धीरे वहां हालात सामान्य होने की ओर है. प्रशासन ने आज 14 दिन से बंद स्कूल-कालेजों को आज सोमवार 19 अगस्त को खोल दिया, वहीं जम्मू से धारा 144 हटा ली गई है.
उल्लेखनीय है कि राज्य प्रशासन ने प्रदेश के सभी स्कूलों-कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों को सोमवार से खोलने का निर्देश जारी किए थे. प्रशासन के मुताबिक, कुल 190 स्कूलों को खोला जाएगा. मालूम हो कि 5 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने की घोषणा करने से पांच घंटे पहले कश्मीर में कफ्र्यू लगा दिया गया था. इसके बाद से ही स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया था.
कश्मीर घाटी के 50 पुलिस थाना क्षेत्रों में रविवार को प्रतिबंधों में ढील दी गयी. हालांकि, श्रीनगर के कुछ हिस्सों में हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बाद प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया गया. इस बीच, जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों में इंटरनेट सेवाओं की बहाली के एक दिन बाद इसे फिर से बंद कर दिया गया. सरकारी प्रवक्ता रोहित कंसल ने यहां रविवार की शाम संवाददाताओं को बताया, निषेधाज्ञा में ढील देने की प्रक्रिया जारी है. प्रदेश के 50 पुलिस थाना क्षेत्रों में रविवार को प्रतिबंधों में ढील दी गयी, जबकि शनिवार को 35 थाना क्षेत्रों में ऐसा किया गया था.
जम्मू में धारा 144 लागू लागू नहीं
जम्मू में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 144 को फिर से लागू करने की अफवाहों का खंडन किया है. यह धारा एक स्थान पर चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगाती है. अधिकारी ने साथ ही जम्मू में स्कूलों के बंद होने से इनकार किया और कहा कि जिले में हालात पूरी तरह सामान्य हैं. जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, धारा 144 को फिर से लागू करने व स्कूलों के बंद करने की अफवाह पूरी तरह निराधार है. जम्मू जिले के किसी भी हिस्से से किसी तरह की अवांछित घटना की सूचना नहीं है.
हजयात्रियों का स्वागत
अधिकारियों ने बताया कि 300 हज जायरीनों का पहला जत्था रविवार को सउदी अरब से कश्मीर वापस लौटा. उन्होंने बताया कि जायरीनों की सुरक्षित घर वापसी के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे. अधिकारियों ने बताया, हाजियों का स्वागत करने के लिए हवाईअड्डे पर परिवार के केवल एक सदस्य को अनुमति दी गई. हाजियों और उनके रिश्तेदारों की आवाजाही के लिए सभी जिला प्रशासनों के समन्वय के साथ राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण (एसआरटीसी) की बसों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों को तीर्थयात्रियों और उनके रिश्तेदारों को उन इलाकों से गुजरने देने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं, जहां पाबंदियां लागू हैं.