नई दिल्ली. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने सभी देशों के नेताओं और वैज्ञानिकों चिंतित कर दिया है. इस वायरस से बचाव के लिए कई देश वैक्सीन विकसित करने में जुटे हुए हैं. जिसमें ब्रिटेन को इसमें बड़ी कामयाबी मिली है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने AZD1222 वैक्सीन का ट्रायल किया है, उससे इम्यून सिस्टम बेहतर होने के संकेत मिले हैं. इस वैक्सीन का उत्पादन AstraZeneca करेगी. भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी इस परियोजना में शामिल है. यही नहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस वैक्सीन का ट्रायल भारत में भी करना चाहती है. कंपनी ने कहा कि लाइसेंस मिलते ही मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर दिया जाएगा.
विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन मैन्यूफेक्चरिंग कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चीफ अदर पूनावाला ने कहा कि AZD1222 के पहले फेज के ट्रायल में ही बेहतरीन रिजल्ट निकले हैं. हम इससे काफी उत्साहित हैं. उम्मीद है कि रिजल्ट पॉजिटिव होंगे.
द लैंसेट मेडिकल जर्नल में छपी एक खबर के अनुसार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन को 1,077 लोगों पर ट्राई किया. इन लोगों पर हुए प्रयोग में यह बात सामने आयी है कि वैक्सीन के इंजेक्शन से इन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण हुआ है.
जर्नल में छपी एक खबर में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रायोगिक कोविड-19 वैक्सीन ने 18 से 55 साल की उम्र के लोगों में डबल इम्यून सिस्टम तैयार किया है.
अब तक तैयार हुई ज्यादातर वैक्सीन एंटीबॉडी बनाती हैं. वहीं, ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन एंटीबॉडी के साथ व्हाइट ब्लड सेल भी बना रही है. इस शुरुआती सफलता के बाद हजारों लोगों पर इसका परीक्षण किया जा सकेगा. यूनिवर्सिटी की इस वैक्सीन के ट्रायल में ब्रिटेन में 8,000 और ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका में 6,000 लोग शामिल किए गए हैं. गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ब्रिटेन में सबसे पहले इंसानों पर ट्रायल किया गया था.
ह्यूमन ट्रायल के नतीजों की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है. उम्मीद की जा रही है कि इसकी आधिकारिक घोषणा द लैंसेट में लेख के जरिये की जाएगी. ऑक्सफोर्ड का प्रोजेक्ट सफल होने पर सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन की 100 करोड़ डोज तैयार करेगी. इनमें से 50 प्रतिशत हिस्सा भारत के लिए होगा और 50 प्रतिशत गरीब व मध्यम आय वाले देशों को भेजा जाएगा.