उपन्यासकार डॉ मिथिलेश कुमार के नए उपन्यास कोल्हानम् का हुआ विमोचन
प्राचीन राजाओं और राजवंशों के साथ जनजातीय असुरों और मुंडाओं के संबंधों को किया गया है रेखांकित
कदमा शास्त्री नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के प्रांगण में रविवार को डॉ मिथिलेश कुमार चौबे द्वारा लिखित ऐतिहासिक उपन्यास कोल्हानम् का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रमुख राजीव कमल बिट्टू , कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति और विमेंस कॉलेज की वर्तमान प्राचार्या डॉक्टर शुक्ला मोहंती, संघ के कोल्हान संचालक अभय कुमार सामंत, महानगर संघचालक बी नटराजन, कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ पी के पाणि, प्रवीण सिंह और अन्य ने संयुक्त रूप से किया. कोल्हानम् नाम से प्रकाशित इस उपन्यास में मुख्य रूप से झारखंड की दो प्रमुख जनजातियों असुरों और मुंडाओं के मगध के मौर्यवंश और कनव तथा दक्षिण के आंध्र भृत्य , सातवाहन राजवंशों के साथ संबंधों को दर्शाया गया है . मगध सम्राट अशोक, पुष्यमित्र शुंग और सतकर्णी राजाओं का चरित्र चित्रण इस उपन्यास में किया गया है . कोल्हानम् उपन्यास के लेखक डॉ मिथिलेश ने इस मौके पर लोगों को जानकारी दी की उपन्यास में सम्राट अशोक, पुष्यमित्र शुंग और आंध्र भक्त गौतमीपुत्र सातकर्णि का चरित्र चित्रण आधुनिक अनुसंधानों के संदर्भ में किया गया है. इसमें इस वजह से कुछ ऐसे राजाओं के चरित्रों को भी चित्रित किया गया है जिनकी चर्चा बहुत इतिहासकारों द्वारा अपने तत्कालीन ग्रंथों में नहीं की गई है . जिन्हें इतिहास की पुस्तकों में अधिक महत्व नहीं दिया गया. वही नागवंश और बौद्ध धर्म के कुछ अनुयायियों की चर्चा राष्ट्रीय एकता और अखंडता के संदर्भ में अलग-अलग की गई है. असुरों और मुंडाओं के साथ प्राचीन राजाओं के और राजवंशों के संबंधों को भी रेखांकित करने की कोशिश की गई है.