नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता के जरिये सुलझाए जाने के मसले पर बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. वहीं देश की सबसे बड़ी अदालत में संबंधित पक्षकारों ने अयोध्या केस में मध्यस्थों के नाम लिख कर दे दिए हैं. आज सुबह कोर्ट ने पक्षकारों से मध्यस्थ करने वालों के नाम मांगे थे.. अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा, पूर्व सीजेआई जेएस खेहर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक के नाम मध्यस्थता के लिए दिए हैं. मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक निर्मोही अखाड़े ने भी मध्यस्थता के लिए तीन नाम दिए हैं. इनमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज कुरियन जोसेफ, एके पटनायक और जीएस सिंघवी शामिल हैं. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष मध्यस्थता के मसले पर सुनवाई हुयी जिसमें दोनों हिन्दू पक्षकारों- निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान के वकीलों ने इस विवाद को मध्यस्थता के जरिये सुलझाए जाने के प्रयास का विरोध किया. उनका कहना था कि यह मसला पूरी तरह भूमि विवाद है और इसे मध्यस्थता के जरिये नहीं सुलझाया जाना चाहिए.