नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को अप्रैल के पहले हफ्ते में तीन और राफेल जेट मिलने वाले हैं. ये राफेल जेट हरियाण के अंबाला में तैनात होंगे. इसके साथ ही 9 राफेल जेट और अप्रैल माह के मध्य में आएंगे. फ्रांस से आने वाली राफेल की दूसरी खेप में से कुछ फाइटर जेट्स को नॉर्थ बंगाल में तैनात किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक ये राफेल नॉर्थ बंगाल में आईएएफ के सबसे अहम बेस पर तैनात होंगे जो कि चीन बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर है.
5 राफेल, पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयरबेस पर तैनात होंगे. इस जेट के साथ हासिमारा एयरबेस को फिर से एक्टिवेट कर दिया जाएगा. हासिमारा में राफेल की तैनाती भारत के रणनीतिक फैसले को दर्शाता है.
59,000 करोड़ की लागत के साथ हुई राफेल डील के तहत इस साल तक सभी जेट वायुसेना को मिल जाएंगे. पांच राफेल जेट का पहला बैच जुलाई 2020 में एयरफोर्स को मिला था. हासिमारा एयरबेस पर राफेल जेट की दूसरी स्क्वाड्रन होगी. यह जगह पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में है और नॉर्थ बंगाल के तहत आता है.
भूटान बॉर्डर के करीब हासिमारा- यह बहुत छोटी जगह है लेकिन रणनीतिक तौर पर इस जगह की अहमियत काफी है. हासिमारा एयरफोर्स स्टेशन, भूटान बॉर्डर के एकदम करीब है. हासिमारा और तिब्बत की दूरी करीब 384 किलोमीटर है.
राफेल जेट कुछ ही मिनटों में तिब्बत के दूसरे सबसे बड़ा शहर शिगात्से के एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है. शिगात्से एक मिलिट्री एयरपोर्ट है जिसका प्रयोग असैन्य मकसद से भी किया जाता है. इसके अलावा तिब्बत की राजधानी ल्हासा की दूरी भी हासिमारा एयरबेस से करीब 364 किलोमीटर है.
सूत्रों के मुताबिक हासिमारा पर सन् 1993 रनवे तैयार हुआ था लेकिन इसे दोबारा से निर्मित किया गया है. हासिमारा एयरबेस, सिलीगुड़ी से करीब 128 किलोमीटर दूर है और यह जगह भारत-भूटान के बॉर्डर के लिए काफी अहमियत रखती है. यह एयरबेस सिलीगुड़ी कॉरिडोर में आता है जिसके उत्तर में चीन है. हासिमारा एयरबेस राफेल से पहले मिग-27ML एयरक्राफ्ट का घर था. साल 2017 में इन एयरक्राफ्ट को रिटायर कर दिया गया था. अब यहां से सुखोई-30 एमकेआई जेट्स टेक ऑफ करते हैं जो भारत का टॉप फाइटर जेट है.