देवानंद सिंह
यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गुरुवार को जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तीर से दो निशान साध गए। यह 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एयरपोर्ट का शिलान्यास और 2024 यानि लोकसभा चुनाव के आसपास फ्लाइट की उड़ान शुरू होना सियासी तौर पर काफी मायने रखता है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां विधानसभा की 403 और लोकसभा की 80 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव का परिणाम ही तय करेगा कि लोकसभा चुनावों की मंजिल क्या होने वाली है। और जिस तरह किसानों के बीच केंद्र और यूपी सरकार के खिलाफ विरोध दिख रहा था, उसमें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम बेहद मायने रखते हैं, खासकर किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए। हमारे देश में किसानों की संख्या सबसे अधिक है और वोट देने के मामले में भी हमेशा किसान ही आगे रहते हैं। इसीलिए किसानों की नाराजगी किसी भी पार्टी के लिए अच्छी नहीं हैं, इसीलिए पिछले कुछ ही समय के दौरान केंद्र और यूपी सरकार ने किसानों को साधने की भरपूर कोशिश है। उसका असर भी दिख रहा है। किसानों के बीच कुछ शांति की लहर भी देखने को मिल रही है। केंद्र ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करके भी किसानों को चुप कराने के लिए मास्टर स्ट्रोक मारा और एयरपोर्ट के शिलान्यास के दौरान भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने बार बार किसानों की बात करके किसानों के बीच विश्वास जगाने की कोशिश की। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की जमीनें पहले भी अधिगृहित की गईं थीं, लेकिन न तो किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर कोई पारदर्शिता थी और न ही केंद्र और राज्य सरकारों के बीच कोई तालमेल था। इसीलिए परियोजनाएं कभी भी पटल पर नहीं उतर पाईं। जिसका सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ, क्योंकि बड़े प्रोजक्ट्स से ही क्षेत्र का विकास संभव हो पाता है, रोजगार के नए अवसर सामने आते हैं। पहले की सरकारों में बैठे लोग परिवार के विकास को ही असली विकास मानते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया, बल्कि हमने राष्ट्र को सर्वोपरि रखा है। संसाधनों का तेजी से विकास किया है, जिससे विकास के नए आयाम लिखे जा सके। वहीं, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी किसानों की जमकर तारीफ की। उन्होंने विशेषतौर पर किसानों का धन्यवाद किया। और दोनों नेताओं ने इस प्रोजेक्ट को पूरे पश्चिमी यूपी का कायाकल्प करने वाला बताया।
दरअसल, इस एयरपोर्ट के निर्माण से वेस्ट यूपी के बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापड़, मेरठ, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, संभल, बदायूं, मुरादाबाद, एटा, कासगंज, मैनपुरी, मथुरा आदि जनपदों के लोगों को खासतौर पर लाभ होगा। इसके साथ ही हरियाणा के जेवर से सटे जिले फरीदाबाद, पलवल और वल्लभगढ़ के लोगों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। वेस्ट यूपी के लोगों को हवाई यात्रा के लिए दिल्ली तक लगने वाला अधिक समय और जाम जैसी दिक्कतों से निजात मिल जाएगी। दिल्ली एयरपोर्ट पर भी लोगों को दबाव कम होगा। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बनने से करीब 100 अन्य इंडस्ट्री, मेडिकल इंस्टीटयूट, होटल-शॉपिंग मॉल, कन्वेंशन सेंटर बनने से करीब एक लाख से अधिक लोगों रोजगार मिलने की संभावना है। कुल मिलाकर, जेवर एयरपोर्ट से वेस्ट यूपी के करीब 30 जिलों सहित हरियाणा के करीब तीन जिलों में विकास को पंख लगेंगे। यही ऐसा इलाका है, जो किसानों को सियासी तौर पर साधने के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। एक तरह से एयरपोर्ट का शिलान्यास कर यहां के लोगों को बीजेपी ने विधानसभा चुनावों के लिए साध लिया है, बल्कि 2024 में जब यहां से उड़ान शुरू होगी, वह बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव में बेहद महत्वपूर्ण चुनावी उड़ान साबित होगी।